डॉ. शंकर लाल चतुर्वेदी ‘सुधाकर’ जिन्हें साहित्य जगत में डॉ. सुधाकर के नाम से भी जानते हैं ब्रज के बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व रहे हैं।
साहित्य ,शिक्षा ,ज्योतिष एवं धर्म – संस्कृति उनके कार्यक्षेत्र में विशेष रूप से शामिल रहे हैं। डॉ. सुधाकर ने लगभग १०० रचनाओं का सृजन किया। जिनमे ६५ रचनायें प्रकाशित हैं। जिनमे भागवत -विमर्श, संवरण आदि बहुत लोकप्रिय हैं। साहित्य-संस्कृति को रेखांकित करने वाली ‘ब्रजनायक ‘ पत्रिका के प्रधान संपादक के रूप प्रकाशित उनके लेख बड़े पैमाने पर आत्मसात किये गए हैं। साहित्य की कविता विधा डॉ. सुधाकर की प्रिय रही है।
समाजसेवा के क्षेत्र में भी उनका योगदान अनुकरणीय रहा है। समाज ने डॉ. सुधाकर को कई पुरस्कार और सम्मान भी दिए हैं। उन्हें साहित्यवारिधि की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है। उनकी जन्मस्थली मथुरा में एक प्रमुख मार्ग का नामकरण भी डॉ.सुधाकर के नाम से किया गया है।
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